मंमाणा में गोचर भूमि में जाने का रास्ता नहीं या तो पानी से गुजरो या 4 किलोमीटर के चक्कर लगाकर जाओं, पशुपालक परेशान बरसाती पानी में गुजरने से भेड़ बकरियों में फैल रही है बीमारी

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रिपोर्ट विजय मीणा

दूदू/मंमाणा। पंचायत मुख्यालय में स्थित गोचर भूमि पर पशुओं को चराने ले जाने का रास्ता न होने के चलते पशुपालकों को सालों से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि या तो घुटने- घुटने पानी में भेड़, बकरी, गाय व भैंसों को लेकर जाओ या फिर 4 किलोमीटर का चक्कर लगाकर मोरडी खुर्द गांव में होकर गोचर भूमि तक पहुंचा जा सकता है। पशुपालक को वर्तमान में सुबह-शाम आधा किलोमीटर पानी में होकर गुजरना पड़ता है। क्योंकि बाकी जगहों पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। इस वर्षा के पानी से पशुओं को निकालने से भेड़, बकरियों के पैरों के खुर में बीमारी हो जाती है जिससे कई भेड़ बकरियां मर जाती है। गोचर में रास्ता निकालने को लेकर ग्रामीणों ने कई सालों से प्रशासन से समय-समय पर मांग कर रहे हैं। 10 नवंबर 2021 को प्रशासन गांवों के संग आयोजित शिविर में दूदू विधायक बाबूलाल नागर के सामने पुरजोर तरीके से समस्या को रखी थी उसके बाद 17 जून 2022 को प्रशासन गांव के संग फॉलोअप शिविर में भी ग्रामीणों ने यह मांग रखी थी ।परंतु समाधान नहीं निकला।वह रोजाना हजारों पशुओं को इस पानी में होकर गोचर भूमि में जाना पड़ता है। पशु पालकों ने बताया कि इस पानी के डर के चलते छोटे बच्चों को पशुओं में भेजना भी बंद कर रखा है। पशुपालकों में जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है।

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