
रिपोर्ट राकेश कुमार
दूदू। ग्रीष्म काल के समाप्ति के बाद तपती हुई धरती पर जब बारिश की रिमझिम बौछार गिरती है तो वह समस्त वातावरण को तरोताजा तो करती हैं। पर साथ में कई बीमारियां अपने साथ लेकर आती है। हर किसी को इस सुहाने मौसम का पूरा लुफ्त उठाने की इच्छा होती है। पर साथ ही साथ इस मौसम में लोग अक्सर जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। बारिश के मौसम में बहुत से बीमारियां होने की संभावना होती है। इसलिए हमें चाहिए कि इन बीमारियों से बचकर रहें जैसे कि मलेरिया डेंगू सर्दी खांसी उल्टी टाइफाइड जैसे रोग ऐसे बहुत से बीमारियां बरसात अपने साथ लेकर आती हैं। ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि मौसम बदलने के साथ ही बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है इसलिए इस समय ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है। मौजमाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएल चौधरी का कहना है कि ऐसे मौसम में सबसे पहले जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है वह लोग सबसे पहले चपेट में आते हैं। इसलिए इस मौसम में बच्चों बुजुर्गों को सर्दी, खांसी जैसी तरह-तरह के वायरल और अन्य बीमारियां जैसे दस्त, निमोनिया आदि से बचाने के लिए उनका खास ख्याल रखें। आजकल एक ही दिन में कभी तेज धूप तो कभी बरसात होने के कारण तापमान में उतार चढ़ाव शुरू हो गया है। दिन में तापमान बढ़ जाता है और रात को पारा अचानक लुढक जाता है। ऐसे में छोटे बच्चे, बुजुर्ग लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है थोड़ी भी असावधानी से उनकी सेहत बिगड़ सकती है। अगर आपका शरीर कमजोर है तो ऐसी लापरवाही काफी महंगी साबित हो सकती है। डॉक्टर चौधरी का कहना है कि हमें सिर्फ भोजन नहीं बल्कि स्वस्थ और संतुलित भोजन यानी प्रोटीन, आयरन विटामिन युक्त आहार ही उपयोग करना चाहिए। इसके लिए हमें घर पर बने भोजन एवं अन्य खाद्य सामग्रियों पर ध्यान देना चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बाहर के खानपान से स्वयं और अपने परिवार को बचाएं।
सावधानी है बहुत जरूरी
सुबह शाम गुनगुने पानी से गरारे करें। जब भी घर से बाहर जाएं तो मास्क सावधानी से जरूर पहने। सभी से 2 गज की दूरी का ध्यान रखते हैं। खांसते और छीखते समय अपने मुंह पर रुमाल अवश्य रखें। समय-समय पर हाथों को साबुन-पानी अथवा सैनेटाइजर से साफ करते रहे।