रिपोर्ट मुकेश कुमार
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मीडिया की जीवंतता को लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए उससे मिशनरी के रूप में कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि व्यवसायिकता के इस दौर में भी बहुत से पत्र-पत्रिकाएं और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल स्वस्थ पत्रकारिता के मूल्यों की पालना कर रहे हैं, जो सराहनीय है। राज्यपाल मिश्र रविवार को भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम स्कूल के महाराणा प्रताप सभागार में जयपुर महानगर टाइम्स द्वारा आयोजित वरिष्ठतम पत्रकार सम्मान समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गणतंत्र की जड़ों को सींचने का कार्य पत्रकारिता करती है, इसीलिए विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बाद पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माना गया है।राज्यपाल ने कहा कि नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्य के लिए जागरूक करने और कानूनों की पालना करने वाले जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मीडिया की विश्वसनीयता और साख को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि वह सच के साथ रहते पारदर्शिता के साथ निष्पक्ष रिपोर्टिंग करे। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन में मीडिया के महत्वपूर्ण योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, अरविंद घोष, मदन मोहन मालवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी, अजीमुल्ला खां ने देश की आजादी के लिए लोगों को आंदोलित करने का कार्य किया। उन्होंने समाचार पत्रों के जरिए अंग्रेजों के शासन की अराजकता को उजागर करते उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया। राज्यपाल ने कहा कि व्यावसायिक हितों के नाम पर प्रेस को जन भावनाओं को उद्वेलित करने वाले अथवा भ्रामक समाचार प्रकाशित और प्रसारित करने से बचना चाहिए। समारोह में राज्यपाल मिश्र ने प्रवीणचंद छाबड़ा को महात्मा गांधी पत्रकारिता सम्मान, विजय भंडारी को लोकमान्य तिलक सम्मान, मिलापचंद डांडिया को गणेशशंकर विद्यार्थी सम्मान एवं सीताराम झालानी को मदनमोहन मालवीय सम्मान और एक- एक लाख रुपए राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया।