रिपोर्ट राकेश कुमार
जयपुर। प्रदेश में विगत 13 वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे प्रबोधकों को मुख्यमंत्री द्वारा गत वर्ष 13 जून को दी गई मंजूरी अनुसार वरिष्ठ प्रबोधक बनाया जाना है, परंतु शिक्षा विभाग द्वारा वरिष्ठ प्रबोधकों का नाम देकर इन्हें पदोन्नति के नाम पर लॉलीपॉप दिया जा रहा है। प्रबोधको को आशा थी कि इन्हें पे लेवल 11 में कार्यरत होने से वरिष्ठ प्रबोधक पद पर पदोन्नति देकर वरिष्ठ अध्यापक के समान पदस्थापन एवं दायित्व दिए जाएंगे, लेकिन शिक्षा निदेशक द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 30 जून 2022 अनुसार इनकी पदोन्नति वरिष्ठ प्रबोधक के पद पर केवल नाम के लिए ही की जा रही है ।इनको वरिष्ठ अध्यापक के समान पदस्थापन एवं दायित्वों से वंचित किया जा रहा है। इस कारण यह पदोन्नति लॉलीपॉप ही साबित हो रही है एवं हजारों लोगों में आक्रोश पनप रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की स्वीकृति दिनांक 14 जून 2021 अनुसार प्रदेश में 5000 प्रबोधकों को वरिष्ठ प्रबोधक पद पर पदोन्नति दी जानी है, परंतु शिक्षा विभाग द्वारा इन्हें पद स्थापन एवं दायित्व वरिष्ठ अध्यापक के समान नहीं दिए जा रहे हैं। कुछ मामलों में तो इन्हें प्राथमिक विद्यालयों में संस्था प्रधान या हेड टीचर एवं लेवल वन के अध्यापक पद के दायित्व दिए जा रहे हैं ,जबकि पदोन्नत होने वाले अधिकांश प्रबोधक लेवल 2 के पद पर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पहले से ही कार्यरत है ,ऐसे में इन्हें प्राथमिक विद्यालय में लेवल 1 के पद का दायित्व दिया जाना पदोन्नति के स्थान पर उनकी पदावनति करने जैसा प्रतीत हो रहा है। इस कारण प्रबोधक इस केवल नाम की पदोन्नति को लॉलीपॉप मानकर आंदोलन के लिए लामबंद हो रहे हैं। ” वरिष्ठ प्रबोधक भी वरिष्ठ अध्यापक के समान योग्यता एवं वेतनमान में कार्यरत होने से प्रारंभिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापक एवं वरिष्ठ प्रबोधक दोनों के एक जैसे पदस्थापन प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं लेवल 2 के अध्यापन दायित्व देकर न्याय दिया जाना चाहिए। हमने इस संबंध में शासन स्तर एवं निदेशालय स्तर से मांग की है, यदि शीघ्र ही समाधान नहीं हुआ तो निदेशालय का घेराव कर आंदोलन करना पड़ेगा। डॉक्टर उदय सिंह डिगार ,प्रदेश अध्यक्ष,, राजस्थान समग्र शिक्षक संघ एवं प्रदेश उपाध्यक्ष एकीकृत कर्मचारी महासंघ राजस्थान। यह जानकारी जयपुर जिला संगठन मंत्री रतनलाल सामोता एवं दूदू ब्लॉक कोषाध्यक्ष रविकांत पारिक ने दी।