रिपोर्ट मुकेश कुमार
जोबनेर। नगरपालिका बोर्ड की मीटिंग आयोजित हुई।मीटिंग में केवल एक ही एजेंडा था की जोबनेर में पशु चिकित्सालय हेतु भूमि आवंटन करना जिसका बीजेपी के पांचों पार्षदों ने पुरजोर तरीके से यह कहकर विरोध किया की जब CHC बनाने हेतु भूमि आवंटन की बात आई तो आप लोगों ने CHC प्रतापपुरा (जोरपुरा जोबनेर) में बनाने हेतु स्वीकृति प्रदान की। और अब जब पशु चिकित्सालय बनाने की नौबत आई तो आप लोगों को जोबनेर याद आ रहा हैं। जोबनेर में पशु चिकित्सालय बनाने का कोई औचित्य नहीं हैं इसे भी CHC के पास वही प्रतापपुरा रोड पर बनवा दिया जाए। क्योंकि पशु पालक तो गांवो में रहते हैं और गाय, भैंस बकरी आदि वो ही लोग पालते हैं और अपनी आजीविका चलाते हैं,और कॉलेज में भी पशु हैं इसलिए वहीं बना दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। इंसानों हेतु हॉस्पिटल जोबनेर कस्बे की सीमा से दूर बना रहे हो और जानवरों हेतु कस्बे में बना रहे हो जो ठीक नहीं हैं। बीजेपी पार्षदों के तर्क से कई कांग्रेसी पार्षद भी सहमत दिखे। वाद विवाद के बाद वोटिंग हुई तो प्रस्ताव के पक्ष में 9 वोट पड़े और विरोध में 11 वोट इस प्रकार कांग्रेसी पालिकाध्यक्ष मंजू सिंघी का प्रस्ताव 11–9 मत से गिर गया। इस प्रस्ताव के विरोध में बीजेपी पार्षद कमला मीणा(पूर्व पालिकाध्यक्ष जोबनेर), राजेंद्र गुर्जर, धर्मवीर सिंह, गौरव जैन, गजेंद्र नोगिया तो थे ही साथ ही कांग्रेसी पार्षद रामपाल चावला(पूर्व पालिकाध्यक्ष), पालिका उपाध्यक्ष जगदीश कुमावत, डा. महेंद्र जैन, विमला जाजोरिया, संतोष कंवर, सुनीता कुमावत थे। इसके साथ ही इन 11 पार्षदों ने पालिकाध्यक्ष मंजू सिंघी पर वार्डो में विकास के नाम पर भेद भाव का आरोप लगाया और पूर्व में लिए गए प्रस्तावों पर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की साथ ही एक वर्ष से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी कमेटियों का गठन नहीं करने पर विरोध जताया।