जयपुर/राकेश कुमार। राजस्थान समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर उदय सिंह डिगार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन प्रेषित कर देश में आयकर की सीमा में छूट देने एवं कर्मचारियों के वाहन ऋण को पूर्णतया कर मुक्त करने की मांग उठाई है । उन्होंने बताया कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन में नियमानुसार बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस बढ़ोतरी के अनुपात में आयकर की सीमा नहीं बढ़ाई गई है। अतः कर्मचारियों को अपने वेतन एवं भत्तों का एक बहुत बड़ा हिस्सा पुनः आयकर के रूप में राजकोष में जमा कराना पड़ता है, जो कतई उचित नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि आयकर की सीमा न्यूनतम पाचं लाख तक किसी तरह का आयकर नही लिया जाना चाहिए । पाचं लाख से दस लाख तक पाचं पृतिशत ही आयकर लिया जाना चाहिए। जबकि वर्तमान मे पाचं लाख से अधिक पर आयकर की सीधे ही 20% की कटौती करने का जो प्रावधान है ,वह उचित नहीं है ।उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षकों एवं कार्मिकों समेत मध्यम वर्ग को अपने वाहन खरीदने के लिए ऋण लेना पड़ता है, किंतु फिर भी कार्मिकों के ब्याज में उचित आयकर की छूट नहीं दी जाती है, इस कारण से कार्मिकों को अपने दो पहिया एवं चार पहिया वाहन लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।उन्होंने बताया कि वर्तमान की परिस्थितियों में एवं निवेश की छूट के मद्देनजर आयकर की सीमा पाचं लाख तक करमुक्त की जानी चाहिए। पाचं से दस लाख तक पाचं पृतिशत एवं दस से बीस लाख तक दस पृतिशत करने तथा उससे अधिक आय होने पर बीस पृतिशत किया जाकर शिक्षकों एवं कार्मिकों समेत आमजन को राहत दी जानी चाहिए। राजस्थान समग्र शिक्षक संघ के जयपुर जिला संगठन मंत्री रतनलाल सामोता ने दी जानकारी।