बगरू/ महेश कुमावत/रितीक सिरोहीया। महिला वह शक्ति है जो कभी भी पराजित नहीं हो सकती। इस समय बेटियां वह हर काम कर रही हैं जो बेटे करते हैं इसलिए वे खुद को कभी भी कमजोर नहीं समझें। यह बात राका पब्लिक चेरिटबल ट्रस्ट और मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर द्वारा “वी दि वुमन ऑफ इंडिया” द्वारा महिलाओं के लिए सम्मान और सम्मानजनक स्थान पर सामाजिक जागरूकता पर “”पायलट प्रोजेक्ट”” अभियान के तहत समाज में महिलाओं को भी बराबर का हक प्राप्त हो यह बात उपस्थित महिलाओं ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय डाबर की ढाणी दहमी कलां में आयोजित महिला एवं बालिका सशक्तिकरण गोष्ठी में यहां उपस्थित राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एम एम श्रीवास्तव ,अशोक कुमार गौर ने की जो मुख्य अतिथि थे।यहा उपस्थित राका पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से जस्टिस जेके राका, सिद्धार्थ राका एवं राका चैरिटेबल ट्रस्ट की चेयर पर्सन उर्मिला राका ,सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट शोभा गुप्ता, राजस्थान हाई कोर्ट अनुराधा उपाध्याय ,साक्षी तिवारी, प्राची शर्मा,शुभम जालन व ग्राम पंचायत दहमी कला के सरपंच गणेश कुमावत ,भगवान सहाय सिरोहिया,रामरतन जी बहरा अर्जुन जी, जितेंद्र, हेमचंद रावोरिया, डाॅ कृष्ण कुमावत आदि उपस्थित लोगो ने कहा कि बेटियां झिझक छोड़कर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। वर्तमान में सरकार ने महिलाओं को कई अधिकार दिए हैं उनके बारे में जागरूक रहने की जरूरत है। बालिकाओं को घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न और साइबर अपराध के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए गौरा शक्ति एप, लैंगिक अपराध, एसिड अटैक के बारे में जानकारी दी। बालिका स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया और कहा कि समाज में अगर किसी भी प्रकार से कोई भी परेशानी हो तो महिलाओं के लिए पुलिस द्वारा विशिष्ट प्रकार से अलग सेवा दी जा रही है जो कि केवल महिलाओं के लिए कार्य करती है। मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को लेकर जागरूक किया। राका पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट एवं मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर ने वहां मुख्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे युवा साथी अर्जुन कुमावत को शाबाशी एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।