सचिन पायलट से चूक हुई, मध्य प्रदेश जैसा होता तो 13 जिले प्यासे नहीं रहते, ERCP शुरू हो जाती- गजेन्द्र सिंह

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जयपुर/मुकेश कुमार। चौमूं में आयोजित जन आक्रोश सभा को संबोधित किया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष सतीश पूनिया एवं अन्य दिग्गज नेता भी मंच पर मौजूद रहे। गहलोत एंड करप्शन कंपनी” को उसकी जगह दिखला कर रहेंगे। चौमू के विधायक राम लाल शर्मा का विशेष अभिनंदन । अपने जन्म दिवस के दिन को उन्होंने जन समस्याओं के लिए दोषी राज्य सरकार के विरुद्ध संघर्ष के लिए समर्पित रहा। गहलोत ERCP पर केवल राजनीतिक फायदे के लिए कुंडली मारकर बैठे हैं। 13 जिलों के प्यासे कंठों को बुझाने के लिए राजस्थान सरकार को प्रोजेक्ट में संशोधन करके भारत सरकार को भेजना है। सरकार संशोधन करके आज भेज दे, तो 2 महीने में इस योजना को लागू करवा दूंगा। अगर ये (गहलोत सरकार ) दो महीने में नहीं भेजेंगे, तो आप 2023 में इनको भेज देना। उसके बाद में अपनी (BJP) सरकार आएगी, वो इसको लागू करवा देगी।

इन 13 जिलों के लोगों को मैं कहना चाहता हूं कि ये सरकार केवल राजनीति करना चाहती है। 7 बार मीटिंग बुलाई, गहलोत के मंत्री नहीं आए शेखावत ने कहा- गहलोत जब मुख्यमंत्री बने और ERCP पर चर्चा की, तो सबसे पहली आपत्ति मध्य प्रदेश के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की थी। उन्होंने कहा था कि यह योजना केन्द्र सरकार के नियमों के मुताबिक नहीं है। इसलिए इसमें सुधार किया जाए। 2019 में जब मैं जलशक्ति मंत्री बना तो राजस्थान और मध्य प्रदेश के मंत्रियों-अधिकारियों की बैठक बुलाई। अधिकारी तो आए, लेकिन गहलोत सरकार के मंत्रियों को शायद मेरे ऑफिस में आने में डर लगता है। गहलोत साहब के बेटे (वैभव गहलोत) को जोधपुर की जनता ने वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया। उसके बाद राजस्थान का कोई मंत्री और संतरी मेरे ऑफिस में नहीं आता है। उसको डर लगता है। मैंने 7 बार मीटिंग बुलाई, मंत्री नहीं आए। सातों बार अधिकारियों के साथ चर्चा की, कि इसका रास्ता निकलना चाहिए। मध्य प्रदेश को सहमत किया और राजस्थान सरकार को चिट्ठी लिखकर भेजी कि आप 75% डिपेंडेबिलिटी पर इस योजना को बनाकर भेजो। मैं तुरंत ही इसको स्वीकृत कर दूंगा।

30 से ज्यादा बांधों को भरने का काम होगा

इसके अलावा इन 13 जिलों के लगभग 30 से ज्यादा बांध ऐसे हैं, जिनमें पानी भरने का काम अगले 5 साल में मैं पूरा करके दूंगा और भारत सरकार इस योजना को पूरा करेगी। दुर्भाग्य है कि राजस्थान की वर्तमान सरकार को ये काम नहीं करना और लोगों को पानी नहीं पिलाना है। पानी के नाम पर आपके सूखे और प्यासे कंठों के नाम पर राजनीति करके वापस सत्ता की कुर्सी पर जाने के लिए ललचाई नजर से ये देख रहे हैं।

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