
जयपुर/राकेश कुमार। राजस्थान समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर उदय सिंह डिगार एवं प्रदेश महामंत्री हरीश चंद्र प्रजापति ने राजस्थान के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला समेत विभाग के आला अधिकारियों तथा वित्त सचिव को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय एवं भेदभाव समाप्त कर न्याय दिलवाने की मांग की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पूर्व में अप्रशिक्षित अध्यापक 90 के दशक में लगाए गए थे जिन्हें कालांतर में पद मुक्त कर समयांतर पश्चात पुनः नियुक्ति दी गई थी, इस मामले में उनके साथ अन्याय भेदभाव एवं सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जो कि कतई उचित नहीं है। उन्होंने इन अध्यापकों के तीन सूत्री मांगों को लेकर तत्काल समाधान की मांग की। प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता नोशनल आधार पर दी जाकर वेतन गणना एवं पेंशन लाभ देने की मांग , द्वितीय इनकी वास्तविक नियुक्ति तिथि से वास्तविक परीलाभ देने की मांग के साथ ही अधिक भुगतान अथवा पेंशनर से वसूली करने संबंधी आदेशों को तत्काल प्रत्याहारित करने की मांग की। डिगार ने अवगत कराया कि समान प्रकरणों में सरकार द्वारा अध्यापकों को अप्रशिक्षित काल मैं वेतन वृद्धि एवं वरिष्ठता दी गई है, फिर इन अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए । उन्होंने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय में सेवानिवृत्त कार्मिकों से किसी भी तरह की वसूली को अनुचित ठहराया गया है। प्रदेश में नोशनल परिलाभ, वेतनमान एवं पेशन लाभ देने के मामले में भेदभाव एवं सौतेला व्यवहार किया जा रहा है ,जो कतई उचित नहीं है। राजस्थान समग्र शिक्षक संघ न्याय के लिए आर-पार का संघर्ष कर किसी भी परिस्थिति में अध्यापकों के साथ भेदभाव एवं सौतेला व्यवहार नहीं होने देगा ।इस संबंध में आवश्यकता पड़ने पर प्रदेश भर में शिक्षकों के साथ मिलकर भारी आंदोलन किया जाएगा ।