बछड़ा कृष्ण ने बछड़ी राधा रानी संग लिए सत फेरे, मंत्रोचारण से हुए फेरे, बछड़ा बालिक होने के बाद रहेगा घर जवांई

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दूदू/मुकेश कुमार/राकेश कुमार। जयपुर जिले के दूदू विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गैजी में नेशनल हाईवे पर स्थित खेजड़ी वाले बालाजी से गाय का बछड़ा परिणय सूत्र में बंधने बंधा। गाजे बाजे से बिन्दौली निकाल कर अजमेर जिले की ग्राम पंचायत रलावता के ग्राम गुंदली में देवनारायण महाराज के मंदिर की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के 1 दिन पूर्व बछड़ा और बछडी की 10 जून को शादी करवाईं गई। बछड़े का दूल्हा श्रंगार कर गांव में चार भुजा मंदिर से बिंदौरी निकालकर रवाना हुई। यह शादी बिल्कुल आम शादियों जैसी है जिसमें बाराती नाचते गाते बरात में शामिल हुए। वर पक्ष की ओर से वधु के लिए सोने चांदी के आभूषण एवं संपूर्ण श्रंगार ले जाया गया। यह शादी बिल्कुल हटके थी।

सिर पर सेहरा बांधे कपड़े पहनाए गए थे। वर के रूप में बछड़े का नाम कृष्ण रखा गया था। रलावता ग्राम पंचायत के गांव गुंदली के देवनारायण मंदिर में मंडप तैयार किया गया। दोनों पक्ष के लोग उस मंडप में बैठें। मंगल गीत गाकर पंडित मंत्रोचार कर दोनों की शादी संपन्न करवाई। अजमेर जिले की ग्राम पंचायत रलावता के ग्राम गुंदली में एक अनूठे विवाह का आयोजन किया गया। यह विवाह दो इंसानों का नहीं बल्कि गाय के बछडा और बछड़ी का था। बैंड बाजों के साथ जयपुर जिले के दूदू विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत गैजी से गाजे-बाजे के साथ बछडी का बारात आई।

बछड़ी के साथ उसके विवाह की सभी रस्में पूरी की गईं। लोगों ने कन्यादान आदि की रस्में पूरी की और दान देकर विदा किया। गैजी के नेशनल हाईवे पर स्थित खेजड़ी वाले बालाजी से पूजारी मालीराम एवं गवाला रतनलाल वैष्णव ने दूल्हा बने बछड़ा को लेकर बारातियों के साथ रलावता पंचायत के गुंदली गांव पहुंचे। यहां बछड़े के सिर पर सेहरा सजा कर गांव के देवी देवताओं के ढोक लगाकर चारभुजा मंदिर से ढोल बाजे के साथ बारात चढ़ाई गई। गु़दंली में बारात के पहुंचने पर स्वागत सत्कार भी किया गया। इसके बाद सामेला,वरमाला, तोरण, सात फेरों की भी रस्में निभाई गई। यह अनूठा विवाह देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई।

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