राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता के साथ कर रहे है भेदभाव- भानु खोरवाल

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भानु खोरवाल (पूर्व अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ राजस्थान अखिल भारतीय रैगर महासभा)

जयपुर/मुकेश कुमार। कुछ दिनों पूर्व रैगर समाज के एक ही परिवार के 5 सदस्यों की सड़क हादसे में मृत्यु होने पर समाज के लोगों ने तन मन धन से सहयोग करते हुए परिवार को ढाँढस बंधाया। समाज के आर्थिक सहयोग से पीड़ित परिवार को सम्बल प्रदान हुआ। पीड़ित परिवार को राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री सहायता कोष से तात्कालिक सहायता हेतु समाज के अग्रिम संगठन अखिल भारतीय रैगर महासभा के द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया गया, साथ ही समाज की एकमात्र कांग्रेस विधायिका के द्वारा भी मुख्यमंत्री से सहायता प्रदान करने हेतु पत्र जारी किया गया। इसी दौरान देखने में आया की ऐसी ही एक और घटना राजस्थान के निवासियों के साथ होती है उसमें भी तकरीबन 8 लोगों की मृत्यु हो जाती है। जिस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते हुये पीड़ित परिवार के लोगों को सहायतार्थ दो-दो लाख रु की घोषणा कर दी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से एक ही प्रकार के सड़क हादसों में एक परिवार को तो सहायता प्रदान की जाती है लेकिन दूसरे परिवार को सहायता से महरूम रखा जाता है। मुख्यमंत्री के इस प्रकार के दोहरे रवैये से रैगर समाज में असंतोष व्याप्त है। समाज बंधुओं मैं आप लोगों की जानकारी में लाना चाहूँगा कि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर एस के मोहनपुरिया ने अपने 3 साल के कार्यकाल में राजस्थान सरकार से समाज के विभिन्न मुद्दों पर पत्राचार किया है और कई मुद्दों पर सरकार से सहायतार्थ गुहार लगाई है। पर देखने में आया है कि समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा राजस्थान सरकार से इतने सारे पत्राचार करने के बावजूद भी समाज को किसी प्रकार की कोई सहायता प्रदान नहीं हुई। इससे प्रतीत होता है कि केवल कागजी कार्रवाई से कुछ नहीं होता बल्कि आपके शक्ति प्रदर्शन से ही गूंगी बहरी सरकार के मुखिया तक आवाज पहुँचाई जा सकती है। अपने हक और अधिकारों के लिये समाज के युवाओ को एक मंच पर आ कर किसी भी पार्टी की सरकार से लड़ाई लड़नी पड़ेगी।

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