
जयपुर/मुकेश कुमार। जन लेखक संघ राजस्थान के तत्वाधान में प्रथम राज्य स्तरीय सम्मेलन जवाहर सर्किल जयपुर में सम्पन्न हुआ। जिसमें लेखक अर्जुन मोहनपुरिया द्वारा लिखित पुस्तक “ज्योतिबा फुले जीवन संघर्ष एवं दर्शन” का विमोचन मुख्य अतिथि भारतीय प्रशासनिक अधिकारी टीकमचंद बोहरा व विशिष्ट अतिथि पूर्व आईपीएस हरिराम मीणा व मुख्य वक्ता राष्ट्रीय महासचिव महेन्द्र सिंह पंकज बिहार,साहित्यकार रतन कुमार सांभरिया व रोशन मुंडोतिया के हाथों से हुआ। इस कार्यक्रम में सैकड़ों साहित्यकार, पत्रकार व लेखक शामिल हुए जिन्होंने वर्तमान परिस्थितियों पर अपने-अपने लेख, कविता व गीत सुनाए । अतिथियों ने पुस्तक के बारे में कहा कि इसमें बहुत ही सटीक व नींव से जुड़ी घटनाओं का जिक्र है। जो अबतक प्रकाशित पुस्तकों में नहीं मिलता । उक्त पुस्तक ज्योतिबा फुले व सावित्री बाई फुले के जीवन पर सारगर्भित ग्रंथ है । लेखक ने बहुत ही मेहनत करके लिखा है।

इस कार्यक्रम में मनीष मुंडोतिया श्रीगंगानगर, सुरेन्द्र आजाद ‘झनूण'(संघ सचिव), रामजीलाल खजोतिया, मंगल चन्द ‘मंगल’ इत्यादि रहे। कवि सुरेंद्र दीपक ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान अध्यक्ष अर्जुन मोहनपुरिया ने की। समारोह में राजस्थान राज्य के सचिव सुरेंद्र जुनून राजेंद्र राजस्थान राज्य के उपाध्यक्ष कवि सुरेंद्र दीपक एवं राष्ट्रीय सचिव शशि सुवालका कवि प्रभु दयाल रैगरके अथक प्रयासों से राजस्थान में पहली बार बहुजन साहित्यकारों ने अपनी रुचि दिखाते हुए एक मंच को साझा किया एवं साथ में बहुजन साहित्य की दशा और दिशा पर अपने विचार प्रकट किए। बहुजन साहित्यकारों में हरीश मीणा जी एवं राम दयाल मेहरा जी एवं रतन कुमार सांवरिया राजेंद्र लाल जावा मनीष कुमार मुंडोतिया सत्यनारायण स्वदेशी मंगल चंद चंदोलिया प्रभु दयाल रेगर कमलेश कुमार मेहरा बुद्धि प्रकाश वर्मा हरीश मीणा आईएएस रिटायर्ड सनी सुवालका राम प्रसाद मौर्य कवि टीकम चंद रैगर हुरडा भीलवाड़ा कवि सत्य नारायण रैगर जिला चित्तौड़ आदि साहित्यकारों ने बहुजन साहित्य की दशा और दिशा शीर्षक पर अपने विचार रखें एवं बहुजन साहित्य को राजस्थान में बढ़ाने के लिए एवं बहुजन साहित्यकारों को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास किया गया।

साथ में बाबा साहब अंबेडकर की विचारधारा के लिए अनवरत कार्य करने के लिए सदैव अग्रसर रहते हुए संकल्प लिया गया बहुजन साहित्य को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान के प्रत्येक जिले एवं तहसील से बहुजन साहित्यकारों को सदेव सहयोग किया जाएगा एवं बहुजन साहित्यकारों की रचनाओं को पत्रिकाओं में अखबारों में एवं किताबों में प्रकाशित किया जाएगा राष्ट्रीय जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव महेंद्र नारायण पंकज बिहार के अथक प्रयासों से यह सब कार्य संभव हो पाया और आगे भी सभी साहित्यकारों ने दृढ़ संकल्प होकर यह निश्चय किया कि हम बाबा साहब की विचारधारा के लिए अनवरत लेखन करते रहेंगे एवं समाज को एक नई दिशा देते रहेंगे।
