
दूदू/राजेश सैन। आसलपुर जोबनेर रेलवे स्टेशन से निकलने वाली ट्रेनों की आवाजाही से आसलपुर स्टेशन के समीप स्थित फाटक संख्या 243 अधिकतर समय बन्द होने पर समपार फाटक के दोनों ओर सड़क पर वाहनों लंबी कतार लग जाती है। जिससे वाहन चालकों के साथ यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस कारण से रेलवे फाटक वाहन चालकों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। फाटक बंद रहने से कई बार 1 घंटे से अधिक समय तक एंबुलेंस सहित अन्य साधन फंस जाते है। अधिक समय तक फाटक बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।फाटक बंद होने से दोनों तरफ कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग जाता है। वहीं फाटक के लंबे समय तक बंद रहने से जाम में एंबुलेंस भी फंस जाती है। जिससे गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचने में काफी समय लग जाता है। इस कारण से मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। जिससे मरीज की जिन्दगी पर आफत हो सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि जयपुर फुलेरा रेल मार्ग स्थित आसलपुर- जोबनेर रेलवे स्टेशन के समीप फाटक के अधिकतर समय बंद रहने की समस्या रहती है। आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों के अलावा महला नागौर मेगा हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीण सवाई सिंह बारेठ, शिवजीराम, एमपीएस व भाजयुमो मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमावत, एडवोकेट रामलाल, सरपंच सरला कुमावत, कमलेश कुमावत, गोपाल कुमावत, कमलेश भाखर, विजेंद्र सिंह, बोराज सरपंच सुरेंद्र सिंह मीणा, गुढ़ा बैरसल सरपंच गोपाल कुमावत, ढाणी बोराज सरपंच भैरुराम देगडा, मदनलाल सैन, बजरंग लखेरा ने बताया कि फाटक बंद की समस्या लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है। रेलवे फाटक बंद रहने की समस्या को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने रेलवे के उच्च उच्च अधिकारियों, सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड, क्षेत्रीय विधायक कृषि मंत्री लालचंद कटारिया आसलपुर निवासी राजस्थान के सरकार राज्यमंत्री वंशवाली संरक्षण एवं संवर्धन अकादमी बोर्ड के अध्यक्ष राम सिंह राव को इस समस्या के बारे में अवगत करा चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ। वही ग्रामीणों ने बताया कि ओवरब्रिज बनने से ही राहत मिल सकती है।