दूदू/संवाददाता मुकेश कुमार। आचार्य श्री 108 अभिनंदन सागर जी के शिष्य श्री 108 स्वयं सागर जी श्री 108 स्वयंभू सागर जी श्री 108 अनुकरण सागर जी महाराज आदिनाथ जिनालय दूदू में विराजमान है। बुधवार को आचार्य श्री की पूजा की गई तत्पश्चात मुनिराज अनुकरण सागर जी ने प्रवचन में कहा कि 1008 आदिनाथ भगवान ने 6 माह निराहार तपस्या के बाद आहार के लिए निकले परंतु 6 माह तक विधि नहीं मिली, इसके बाद वैशाख शुक्ल तृतीया को राजा श्रेयांश के महल में अक्षू रस का पारणा किया तब से यह दिन पावन हो गया और देवों द्वारा पंचाश्चर्य होने से यह दिन अक्षय हो गया तब से यह दिन भगवान की पूजा एवं मुनिराज को आहर देकर मनाया जाता है इस दिन का दान सबसे बड़ा पुण्य का कारण होता है।