दूल्हा दुल्हन की जन्म तिथि विवाह कार्ड पर अनिवार्य रूप से लिखने के दिए निर्देश

करौली। अतिरिक्त जिला कलक्टर परसराम मीना ने बताया कि अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा के अवसर पर बाल विवाह होने की संभावना रहती है इसकी रोकथाम के लिये जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं आमजन सक्रिय रहकर रोकथाम के लिये कार्य करे एवं इस प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर कंट्रोल रूम मे सूचित करें। अतिरिक्त जिला कलक्टर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बाल विवाह रोकथाम हेतु हितधारकों के साथ आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होने बताया कि बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी, जनप्रतिनिधी एवं समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति बाल विवाह की रोकथाम के लिये तत्परता से कंट्रोल रूम को सूचना दें एवं आस पास के लोगो को भी इसके प्रति जागरूक करें।उन्होने इस सबंध मे बैठक मे उपस्थित प्रिंिटंग प्रेस वालांे को विवाह कार्ड पर अनिवार्य रूप से दुल्हा दुल्हन की जन्म तिथि लिखने, टेंट बैंड, लाइट डेकोरेशन, मैरिज होम, फोटोग्राफर सहित अन्य के बाल विवाह मे शामिल होने पर आरोपी माना जायेगा एवं उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने इस संबंध मे टेंट, बैंड, लाइट डेकोरेशन, मैरिज होम, फोटोग्राफर को निर्देश दिये कि वे भी बाल विवाह की रोकथाम मे अपनी भागीदारी निभातें हुए सूचना जिला प्रशासन को दें।बाल अधिकारिता विभाग करौली के सहायक निदेशक कृष्ण कान्त शाखला ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए धरातल स्तर पर कार्य करने वाले कर्मचारी की जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र में बाल विवाह नहीं होने देंगे, साथ ही समाज के प्रतिनिधि अपने अपने समाज में बाल विवाह को ख़त्म करने के लिए जागरुकता लाएगें।कार्यशाला के दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई, ऐक्शन ऐड यूनिसेफ तथा चाइल्ड लाइन करौली के सदस्य सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि शादी विवाहों के दौरान किसी से भी बाल श्रम नही करवाया जायें ऐसा पाये जाने पर समिति के द्वारा नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी। बैठक मे अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी वीरसिंह मीना, अल्पसंख्यक अधिकारी श्यामलाल मीना, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी धर्मेन्द्र मीना सहित अन्य संबंधित अधिकारी व गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।